Monday 28 January 2013

श्री त्रिलोचन शास्त्री


श्री त्रिलोचन शास्त्री
        कविवर त्रिलोचन का जन्म भाद्र शुक्ल तृतीया सोमवार वि.स. 1974 तदनुसार 20 अगस्त, 1917 को कटघरा चिरानी पट्टी, लिला सुल्तानपुर (उतर प्रदेश ) में हुआ था। वे त्रिलोचन शास्त्री के नाम से प्रचलित है, परंतु इनका वास्तविक नाम था वासुदेवसिंह। इनके पिता का नाम श्री जगरदेवसिंह तथा माता का नाम मनबरता देवी था। इनकी पत्नी का नाम जयमूर्ति देवी था, जो कवि के जीते ही इस दुनिया से चल बसी थी।
       त्रिलोचन की शिक्षा दोस्तपुर गांव में आरंभ हुइ। वाराणसी से इन्होने ‘साहित्यरत्न’ डिग्री हासिल की। इन्होने एम.ए. ( पूर्वादर्ध) बी.एच.यू. (बनारस हिंदु विश्वविधालय) से अंग्रेजी साहित्य में किया था।            
        त्रिलोचन का समूचा जीवन विविधताओं से भरा हुआ है। उन्होने अपने बहोत से सर्जनात्मक कार्यो के द्वारा हिन्दी की साहित्यिक पत्रकारिका और काव्य को नै दिशा दी। 1930 से 1941 तक इन्होने बनारस से प्रकट होती मासिक पत्रिका ‘कहानी’ के सम्पादन-कार्य में महत्वपूर्ण साहित्यिक योगदान दिया। 1943 से 1946 तक प्रेमचन्दजी की प्रस्थापित ‘हंस’ नामक साहित्यिक-पत्रिका में भी सम्पादन-कार्य किया। 1946 से 1950 तक ये मासिक पत्र ‘चित्ररेखा’ तथा ‘ बृहद हिन्दी कोष ‘ के सहायक सम्पादक रहे।
इसके साथ इनकी साहित्यिक सफर ‘हिन्दी शब्द-सागर’ दनिक पत्र ‘जनवार्ता’ से भी जुडा रहा।
 त्रिलोचन द्रारा  किया गया बहुत सा कार्य उनके संघर्ष को प्रमाणित करता है। इन्होने कई  कोषो के सम्पादन-कार्य में सहयोग दिया। त्रिलोचन की प्रगति शील काव्यधारा के लिए बहुत-से सम्मान जनक पुरुस्कार भी प्राप्त हुए है।
         सन् 1981 में ‘ ताप में तापे हुए दिन ’  नामक काव्य कृति पर त्रिलोचन को ‘ साहित्य अकादमी पुरस्कार ‘ से सम्मानित किया गया था। 1983-84 में ‘गुलाब और बुलबुल’ पर उतर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्रारा सम्मान पुरस्कार प्रदान किया गया था। 1989  में मध्य प्रदेश के पुरस्कार ‘मैथिलीशरण गुप्त सम्मान से सम्मानित किया गया था। 
कृतित्व
1. धरती-1945
2. गुलाब और बुलबुल( गजलो और रुबाइयो का संग्रह) -1946
3. दिगन्त ( सॉनेट-संग्रह) - 1947          
4. ताप के तापे हुए दिन-1980
5.शब्द-1980
6. उस जनपद का कवि हूं -1981
7. अरधान-1984
8. अमोला-1986
9. चैती-1987  

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